Friday, November 26, 2021

युवा हो, लढकर दिखाओ!

सूरज सा अगर तेज है तुममे,
तो निखर के दिखाओ!
परिस्थितीयों से ना हारो तुम,
युवा हो, लढकर दिखाओ!

किया अगर है ध्येय निश्चित,
तो साकार कर दिखाओ!
विपदाये आयेंगी अनेक,
फिरसे उठो, डटकर दिखाओ!

ख्वाब जो देखते हो अगर,
तो सोने का तुम्हे हक नही!
मंजिल की मुकाम पर ही,
शायद हो, राहत नसिब!

निकले हो मशाल लेकर
तो अंधकार मे दहाड दो!
तुम अशा हो नवयुग की;
सर्जनता की गुहार दो!

थक जाओ तुम विवंचना से,
तो देखना इतिहास खोलकर!
यादे उन्हिकी है आज अमर
जिन्होने दिखाया था लढकर !!

- चेतन कोठावदे

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