Wednesday, May 19, 2021

'तू ही है संग हमारे'

धुन बजाओ कुछ कान्हा ऐसी,

  की मन पावन हो जाये...!!

सूर संगम कुछ कर दो ऐसा,

  की तन स्वरगंगा मे नहाये..!!


शिश झुकाऊ चरणोमे तेरे

 तो जीवन तेरा बन जाये!!

न आये कभी हमे निराशा

 भले घना अंधेरा छा जाये


होंगे दुःख हजारो चारो ओर

 चाहे गीरे हमपे तुफानी लेहर,

तू कृष्ण बनके सारथ्य कर

 तू आशा बनके मनमें झलक

 

यही खुमारी है अब दिलमें;

 की, 'तूही है संग हमारे',

है जटील यह संसार लेकीन;

 जो तुम हो खडे, तो हम क्यो डरे?


- चेतन कोठावदे




23 comments:

  1. "तू हि हैं संग हमारे।।।"
    👌👌👌

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  2. मस्त एकदम��

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  3. श्री हरी कृपेने अजुन लेखन कार्य चालू राहो

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  4. वाह मस्त एकदम

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  5. बहोत खूब 👌👌

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  6. खुप सुंदर आहे सर .....

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  7. ह्या गीत लेखना मागे स्वाध्यायची बैठक,आवड,असावी असे जाणवते,असेच यापुढे चालू राहावे हीच कामना.शाम (भाई)मामा.

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